नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान
प्रथम चरण में, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में छ: एम्स स्थापित किए जा रहे हैं। पीएमएसएसवाई के दूसरे चरण में, दो और एम्स- एक रायबरेली, उत्तर प्रदेश में और दूसरा रायगंज, पश्चिम बंगाल में- को मंजूरी प्रदान की गई है। पीएमएसएसवाई के प्रथम और द्वितीय चरणों में सुपर स्पेश्यलिटी केंद्रों के निर्माण के लिए उन्नीस मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन आरंभ किया गया है।
पहला चरण
क्र. सं. |
नए एम्स |
राज्य का नाम |
स्थान |
1. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल |
मध्य प्रदेश |
भोपाल |
2. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर |
ओडिशा |
भुवनेश्वर |
3. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर |
राजस्थान |
जोधपुर |
4. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना |
बिहार |
पटना |
5. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर |
छत्तीसगढ़ |
रायपुर |
6. |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश |
उत्तराखंड |
ऋषिकेश |
छ: नए एम्स संचालित हैं
एम्स (संशोधन) अधिनियम, 2012 अधिनियमित करके एम्स अधिनियम 1956 में संशोधन लाया गया है, जो 16 जुलाई, 2012 से प्रभावी है। इस संशोधन से नए एम्स को एम्स अधिनियम 1956 के दायरे में लाया गया है और इसमें विभिन्न स्थानों पर एक से अधिक एम्स की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम के तहत प्रत्येक नया एम्स एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है।
एस अधिनियम, 1956 और एम्स (संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत, दिनांक 2 जुलाई, 2013 की राजपत्र अधिसूचना के द्वारा छ: नए एम्स में से प्रत्येक के लिए संसथान निकाय का गठन किया गया है।
प्रत्येक नए एम्स के लिए ये समितियां गठित कर दी गई हैं। वर्तमान में उन्हें तदर्थ समिति कहा गया है जिनके संबंध में संस्थान निकाय की औपचारिक पुष्टि लंबित है।
एम्स अधिनियम, 1956 के अनुसार, एम्स की लेखा-परीक्षा सी एवं एजी द्वारा की जानी है। वित्त समिति की सिफारिश के आधार पर मंत्रालय ने इस प्रयोजन के लिए सी एवं एजी से संपर्क किया। सी एवं एजी ने सी एवं एजी की मशीनरी के जरिए लेखा-परीक्षा संचालित करते हुए दिनांक 8 जुलाई, 2013 को संगत आदेश पारित किया और उसके बारे में वित्त मंत्रालय को सूचित किया।
वर्तमान में, एम्स, नई दिल्ली के नियम और विनियम नए एम्स पर लागू किए जा रहे हैं। सभी छ: नए एम्स में निदेशक, उप-निदेशक (प्रशासन), वित्तीय सलाहकार और अधीक्षक अभियंता के पद भरे हुए हैं। चार नए एम्स के लिए चिकित्सा अधीक्षकों की नियुक्ति की गई है। दो अन्य नए एम्स में एमएस के पद को भरने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नए एम्स के लिए लगभग 310 संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई है। ये प्रोफेसर, एडिशनल प्रोफसर, एशोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रिंसिपल (नर्सिंग कॉलेज) हैं। प्रत्येक नए एम्स को ग्यारह माह के लिए कार्य की आउटसोर्सिंग के जरिए 515 कार्मिकों की सेवाएं नियोजित करने की मंजूरी प्रदान की गई है। 6 एम्स स्थलों पर कार्य की निगरानी-नियंत्रण में सुधार लाने हेतु परियोजना प्रकोष्ठों को सुदृढ़ करने के लिए 26 कनसल्टेंट इंजीनियरों को तैनात किया गया है। प्रत्येक नए एम्स में 1145 विभिन्न संकाय एवं अन्य पदों के सृजन हेतु आरंभ में वित्त मंत्रालय की सहमति प्राप्त की गई। हाल ही में, वित्त मंत्रालय द्वारा प्रत्येक नए एम्स के लिए 2936 अतिरिक्त पदों के सृजन पर भी सहमति प्रदान की गई है। संबंधित एम्स द्वारा चरणबद्ध तरीके से पदों को भरने हेतु विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं।
सितंबर, 2012 में प्रत्येक एम्स में प्रथम एमबीबीएस कोर्स में अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा, 2012 के आधार पर चयनित 50 छात्रों (कुल 300 छात्र) को दाखिला दिया गया। दिनांक 1 जून, 2013 को एमबीबीएस के दूसरे बैच के रूप में 60 छात्रों (कुल 600 एमबीबीएस और 360 बी.एससी. नर्सिंग) की दाखिला के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा, 2013 संचालित की गई। परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। दाखिला हेतु छात्रों की काउंसलिंग चल रही है। शैक्षणिक सत्र अगस्त, 2013 से आरंभ होगा।
शैक्षणिक सत्र के दौरान सिमेस्टर परीक्षाएं आयोजित की गईं और बैच के लिए प्रथम अंतिम व्यावसायिक परीक्षा आयोजित की गई है। एम्स नई दिल्ली के पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जा रहा है। नए एम्स द्वारा कई सीएमई आयोजित की गई हैं।
प्रत्येक नए एम्स में ओपीडी संचालित हैं। वर्ष 2013-14 के दौरान अस्पतालों में आईपीडी सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।