सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना पर विशेषज्ञ सलाहकार समिति, पीडीएफ
देश के पास पहले से ही सूचना प्रौद्योगिकी और स्वदेशी उपग्रह संप्रेषण प्रोद्योगिकी का मजबूत आधार है, जिसमें प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं। प्रयासों को आगे बढ़ाने से टेमिलमेडिसिन से देश के सबसे दूर-दराज के इलाकों में विशेषज्ञतापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा मुहैया कराने में मदद मिलेगी। टेलिमेडिसिन से सतत् आयुर्विज्ञान शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रमों के प्रभावकारी संचालन के अलावा, विशेष रूप से हृदय रोग विज्ञान, विकृति विज्ञान, चर्म रोग विज्ञान और रेडियो विज्ञान के क्षेत्रों में टेलि-रोग निदान की सुविधाएं उपलब्ध कराने की संभावना है।
टेलिमेडिसिन: टेलिमेडिसिन को रोगी से संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के लिए इलेक्ट्रोनिक संप्रेषण प्रौद्योगिकी के उपयोग और दूर-दराज के स्थानों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। वैश्विक टेलिमेडिसिन से स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराने के अलावा अन्य कई लाभ प्राप्त हुए हैं। अब इसका उपयोग व्यापक तौर पर शिक्षा, अनुसंधान और डाटा प्रबंधन के लिए भी किया जा रहा है। किंतु, यह विरोधाभास है कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की विशेष रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेलिमेडिसिन का उपयोग अभी भी आरंभिक अवस्था में है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग मोटे तौर पर चार क्षेत्रों में किया जा सकता है- शिक्षा, अनुसंधान, रेफरल और डाटा प्रबंधन।
- स्वास्थ्य और शिक्षा: जब आईसीटी का उपयोग आयुर्विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा, तो संभवत: संपूर्ण भारत में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा निर्बाध से प्राप्त होगी।
- अस्पताल प्रबंधन प्रणाली: आमतौर पर यह अनुभव किया जाता है कि विशेष रूप से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य प्रणालियों के कार्य-स्थलों में यथेष्ट प्रबंधन नहीं होता है। अस्पताल प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के प्रबंधन को काफी हद तक सुदृढ़ किया जा सकता है।
- अस्पताल अनुसंधान: आईसीटी भारत में आयुर्विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाकर चिकित्सा परिदृश्य को परिवर्तित करने में सक्षम है। यह पारंपरिक नैदानिक अनुसंधान से लेकर आधुनिक संश्लेषी जीव विज्ञान-आधारित अनुसंधान तक विस्तृत अवसर प्रदान करता है। कैंसर की रोकथाम, जांच, निदान और उपचार जैसी समस्याओं से संबंधित कार्य में अंतर-विषयी सहयोग से लाभ मिल सकता है। कुछ दशक पहले जब एमआरआई और न्युक्लियर इमेजिंग को मेडिसिन में एकीकृत कर दिया गया, तबसे चिकित्सकों को इस प्रकार के लाभ हासिल हुए हैं।
- स्वास्थ्य और डाटा का प्रबंधन: स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईसीटी का निर्बाध रूप से उपयोग करने में इलेक्ट्रोनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) एक मूलभूत पूर्व-शर्त है। चूंकि ईएमआर अनेक रूपों, आकार-प्रकार और फॉर्मेट में प्राप्त होता है, अत: सार्वभौमिक लाभ के लिए भारतीय चिकित्सक समुदाय को विशेष अधिदेश के साथ ईएमआर आधारित प्रणालियों का उपयोग करने के लिए ईएमआर को मानकीकृत करना चाहिए और आईसीटी प्लेटफॉर्म स्थापित करना चाहिए।