अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना देश में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानदण्ड प्रदर्शित करने के लिए दूसरी सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्यापन के प्रतिमान विकसित करने; स्वास्थ्य कार्यकलाप की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं के कार्मिकों के लिए उच्चतम कोटि की शैक्षणिक सुविधाएँ एक ही स्थान पर लाने; तथा स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से संसद के अधिनियम द्वारा एक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में की गई थी।
इस संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगी परिचर्या के लिए व्यापक सुविधाएँ हैं। अधिनियम में यथा-उपबंधित एम्स स्नातक तथा स्नातकोत्तर दोनों में चिकित्सीय और परा-चिकित्सीय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है और अपनी स्वयं की डिग्री देता है। 12 विषयों में अध्यापन तथा अनुसंधान किए जाते हैं। चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एम्स अग्रणी है और एक ही वर्ष में इसके संकाय तथा अनुसंधानकर्ताओं द्वारा 600 से अधिक अनुसंधान प्रकाशन किए गए हैं। एम्स नर्सिंग कॉलेज भी संचालित करता है और बी.एससी (हॉनर्स) नर्सिंग पोस्ट-सर्टिफिकेट डिग्रियों के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
एम्स के उद्देश्य:
एम्स के काम-काज: